Friday, December 5, 2014

उनके अंतिम यात्रा की यादें: कुछ झलकियाँ

वो मौत जो सुर्ख़ियों में शामिल थी
वो आखिरी यात्रा जिसमे शामिल सारा शहर था
हजारो जोड़े आँखों की कतारें जिनके किनारों पे नमी मचल रही थी
अचानक से ही आपने  अपनी सांसो की यात्रा रोक कर आखिरी मंजिल का रुख कर लिया जब,
लगा कि  रफ़्तार थम सी गयी थी इस भागते दौड़ते शहर की भी
उन ग़मगीन लम्हों की कुछ झलकियाँ सहेज कर रखी गयी थी उनके पुत्र डॉ उमेश प्रसाद के द्वारा.
ये झलकियाँ जो कई और मायनो में खास हैं..
करीबन 40 साल पहले की तस्वीरें...
rmch /रिम्स रांची जहाँ से काफिला शुरू हुआ 



श्रध्दांजलि देने को मचलते चाहनेवालों का हुजूम 

शोकाकुल परिवार के लोग
ये मुस्कराहट -आखिरी मंज़िल पे पहुँचने की ख़ुशी हो जैसे 

असीम शांति और निराकार मुखारविंद 


हज़ारो कंधे तैयार थे ले जाने को 



श्रद्धांजलि और आखिरी विदाई का वक्त 


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